Monday, August 24, 2009

यादों की धरोहर

सबसे पहले मेरे ब्लॉग के लिए शुभ कामना देने वाले सभी लोगों को मेरा आभार.फालोअर्स को मेरा विशेष आभार.मैंने सोचा नहीं था की ब्लॉग की इस दुनिया में मेरा इस तरह से स्वागत होगा...वह भी मेरी आगे की जेनरेशन के द्वारा.अच्छा लगा...उनका स्वागत भी और अपना यहाँ पहुचना भी।

अभी कुछ दिन पहले अपने पुराने कागज़ सभाल रही थी तो बहुत सी चिट्ठिया निकलीं। अजब सा खिचाव होता है इन पत्रों में...एक बार निगाहों के सामने आ जायें तो उन्हें बिना पूरा देखे मन ही नहीं मानता है...कितनी बातें ,कितनी यादें और रिश्तो की कितनी कशिश छिपी रहती है इनमें.सोच कर अजब सी तकलीफ हुयी थी की हम लोगों ने तो अब पत्र लिखना एकदम ही बंद कर दिया है...वह कल्चर ही ख़तम हो गया.इस इलेक्ट्रॉनिक ज़माने में शायद उसकी रेलेवन्स भी नहीं रही.फ़िर भी....एक अच्छा सा ख़त लिखना या उसको पाना एक अजब मीठा सा अहसास हुआ करता था...तब किन्ही भी दो प्यार करने वाले लोगों के बीच लिखे जाने वाले पत्र भी अक्सर साहित्य हुआ करते थे (चाहे उनके बीच में कोई भी रिश्ता हो ).ई मेल की यह जेनरेशन शायद मेरी बात नहीं समझेगी.आत्मीय लोगों को लिखे जाने वाले इन खतों के शब्दों में सिर्फ़ अर्थ ही नहीं एक गंध भी होती है शायद...अमूर्त अहसासों को मूर्त बना देने की ताकत...इंग्लिश में जिसे बिटवीन दा लाइंस भी कहा जा सकता है...तभी तो इन पत्रों को हम एक बार नहीं कई कई बार देखते थे...सबसे पहले यह जानने के लिए की क्या सूचना है...फ़िर दुबारा शब्दों को उनके पूरे अर्थों के साथ समझने के लिए...फ़िर शब्दों के बीच की गंध को महसूस करने के लिए...बहुत से वह अहसास जिन्हें हम सामने नहीं बोल पाते उन्हें बहुत आसानी से शब्द दे देते है....खैर मेरी इन बातो का अब कोई विशेष अर्थ नहीं है...इस लिए यहीं पर बस।

चलते चलते हिन्दी की गिरती हुई स्थिथि के लिए एक बार अपना दुख फ़िर से दोहरा रही हूँ...इस कामना के साथ की मेरी यह सोच बहुतों की चिंता बने...जब तक यह दुःख व्यापक आकर नहीं लेगा तब तक एक दो लोग कुछ भी नहीं कर सकेंगे...फ़िर भी हमें अपनी बात कहते रहना है...यह एक गंभीर चिंता का विषय है...पर हर महत्तर काम की शुरुआत अक्सर छोटी ही हुआ करती है.

2 comments:

  1. चिट्ठियां अब इतिहास बन गयी है ,अतीत की धरोहर .,मर्मस्पर्शी बात कही है आपने

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  2. बहुत से वह अहसास जिन्हें हम सामने नहीं बोल पाते उन्हें बहुत आसानी से शब्द दे देते है....bahut sahi kaha aapne..

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